Indicators on Unani ilaj of bawaseer. You Should Know

मल त्याग के दौरान मस्से गुदा के बाहर निकलते हैं या हमेशा बाहर निकले रहते हैं?

मल असंयम, रोगी का मल किसी भी वक्त लीक हो जाता है क्योंकि उसका उस पर कोई नियंत्रण नहीं होता।

बवासीर की लेजर सर्जरी करने की कई विधियां हैं, ग्रेड के अनुसार किसी एक विधि का चयन किया जाता है। इसका उपचार करने के लिए पारंपरिक सर्जरी भी उपलब्ध है, जिसमें बवासीर के मस्से को काटकर अलग कर दिया जाता है। लेकिन उपचार के दौरान बहुत अधिक खून बहता है और रोगी को दर्द का सामना करना पड़ता है। पारंपरिक तरीके से की जाने वाली सर्जरी के बाद रूटीन लाइफ में आने में बहुत वक्त लगता है और बहुत चीजों से परहेज भी करना पड़ता है।

بواسیر ایک نہایت تکلیف دہ بیماری ہے جس کی وجہ سے پاخانہ کرتے وقت شدید درد کا سامنا کرنا پڑتا ہے۔ اس بیماری کی وجہ سے پاخانہ کرتے وقت نہ صرف تکلیف لاحق ہوتی ہے بلکہ خون بھی خارج ہوتا ہے۔ بڑی آنت کے آخری حصے میں جب سوزش واقع ہوتی ہے تو بواسیر لاحق ہونے لے خطرات میں اضافہ ہو جاتا ہے۔ ذہنی دباؤ اور کچھ دائمی امراض جیسا #piles کہ موٹاپہ اور انتڑیوں کے مسائل کی وجہ سے بواسیر لاحق ہو سکتی ہے۔ اس کے علاوہ کچھ غذائیں زیادہ مقدار میں استعمال کرنے سے بھی اس کے خطرات میں اضافہ ہوتا ہے۔

इसमें फाइबर भी होता है, जो आंत्र नियमितता को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

In These cases we could be only left Using the pathological specific indications. employing medical repertories as a reference give us a chance to locate the finest possible similimum. The fundamental scenario report is actually a documentation of such helpfulness.

बवासीर के इलाज की पुरानी सर्जिकल प्रक्रिया

मूली को रूक्ष पदार्थ  को लाभ पहुंचा सकता है।

मलाशय से खून बहना बडी बवासीर का एक सामान्य लक्षण है

पाइल्स (बवासीर) के इलाज के दौरान होने वाली जांच - पाइल्स का इलाज हिंदी

बवासीर में गुदा क्षेत्र की नसों में सूजन के कारण मस्सों का निर्माण हो जाता है। ये मस्से सूजे हुए प्रतीत होते हैं, जिनमें रक्त अथवा पस भरा होता है। समय के साथ मस्सों का आकार बढ़ता है या यूं कहें कि बवासीर के ग्रेड में निरंतर वृद्धि होती रहती है। बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय में गर्म पानी से स्नान, बर्फ से मस्सों की सिकाई, मस्सों पर नरियल के तेल का लेप लगाना, विच हेजल का इस्तेमाल और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाईयां शामिल हैं। हालांकि यह उपाय बवासीर के लक्षणों की गंभीरता और मरीज की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है।

स्थिति की गंभीरता के आधार पर सबसे उपयुक्त उपचार विकल्प निर्धारित करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

Pregnancy: Pregnancy is yet another risk variable for piles. it can be simply because all through pregnancy the stress on rectum veins is elevated due to little one's excess weight. 

जात्यादि तेल रक्तस्रव (मलाशय से खून बहना), गुड़ावेदन (गुदा में दर्द), अर्शभ्रंश (गुदा से द्रव्यमान का बाहर निकलना) और अनियत्वबंध (कब्ज) में राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसलिए जत्यादि तेल बवासीर के लिए उपयोगी हो सकता है।

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